गर्भावस्था एक महिला के जीवन का बेहद खास और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान शारीरिक और मानसिक बदलावों के साथ-साथ कई नई समस्याएं भी सामने आ सकती हैं। इनमें से एक आम समस्या है खुजली, जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत परेशानी का कारण बन सकती है। यह खुजली त्वचा पर कहीं भी हो सकती है, लेकिन यह सामान्यतः पेट, ब्रेस्ट, पैरों और हाथों पर ज्यादा महसूस होती है।
आइए, जानते हैं गर्भावस्था के दौरान खुजली के कारण, लक्षण और इसके उपचार के बारे में:
गर्भावस्था में खुजली के कारण
गर्भावस्था के दौरान खुजली के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य और कुछ गंभीर कारण होते हैं।
- हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, खासकर प्रोजेस्टेरोन और एस्त्रोजेन के स्तर में वृद्धि। ये हार्मोन त्वचा की प्राकृतिक नमी को प्रभावित करते हैं और त्वचा को सूखा कर सकते हैं, जिससे खुजली होती है।
- त्वचा का खिंचाव (Stretching of Skin): जैसे-जैसे पेट और शरीर का आकार बढ़ता है, त्वचा पर खिंचाव होता है, खासकर पेट और ब्रेस्ट्स के क्षेत्र में। इस खिंचाव के कारण त्वचा पर खुजली हो सकती है।
- प्रेग्नेंसी के दाग (Pregnancy Rash): गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं को विशेष प्रकार के दाग (Pruritic Urticarial Papules and Plaques of Pregnancy – PUPPP) हो सकते हैं। यह खुजली और लाल चकत्तों के रूप में प्रकट होते हैं और सामान्यतः पेट के निचले हिस्से में शुरू होते हैं।
- त्वचा में पानी की कमी (Dry Skin): गर्भावस्था में शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो सकती है, जिससे त्वचा सूखी और बेजान हो सकती है। सूखी त्वचा में खुजली होना आम है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान बाइल सॉल्ट का संचय (Intrahepatic Cholestasis of Pregnancy): गर्भावस्था में लीवर से संबंधित कुछ समस्याएं भी खुजली का कारण बन सकती हैं, जैसे आईसीपी (ICP), जिसमें शरीर में बाइल सॉल्ट का संचय होता है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है और तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।
- एलर्जी या संक्रमण: गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी कुछ कमजोर हो जाती है, जिससे उनकी त्वचा पर एलर्जी या संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, जो खुजली का कारण बन सकता है।
खुजली के लक्षण
गर्भावस्था के दौरान खुजली के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- त्वचा पर लाल धब्बे या दाने।
- पेट, ब्रेस्ट, हाथों, पैरों या कमर में खुजली।
- त्वचा पर सूजन या जलन महसूस होना।
- त्वचा का रूखापन या खिंचाव।
- खासकर रात के समय खुजली में बढ़ोतरी।
अगर खुजली के साथ अन्य लक्षण जैसे रंग में परिवर्तन, आंखों में पीलापन या गहरे रंग का मूत्र दिखाई दे, तो यह गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है और तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गर्भावस्था में खुजली का उपचार
खुजली से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपायों और चिकित्सकीय उपचार का पालन किया जा सकता है:
- मॉइस्चराइजर का उपयोग: अपनी त्वचा को नमी प्रदान करने के लिए अच्छे मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें। यह त्वचा को नरम रखता है और खुजली को कम करता है। विशेष रूप से प्राकृतिक सामग्रियों जैसे कोको बटर या एलोवेरा जेल का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।
- गर्म पानी से स्नान: बहुत गर्म पानी से स्नान करने से त्वचा की नमी कम हो सकती है, जिससे खुजली बढ़ सकती है। इसलिए गुनगुने पानी से स्नान करें और इसके बाद मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें।
- ठंडी सिकाई: खुजली वाले स्थान पर ठंडी सिकाई करने से आराम मिल सकता है। आप एक ठंडे कपड़े को खुजली वाले स्थान पर कुछ देर तक रख सकती हैं।
- आलिव ऑयल और नारियल तेल: गर्भावस्था के दौरान पेट और ब्रेस्ट के खिंचाव को कम करने के लिए आप नारियल तेल या आलिव ऑयल का उपयोग कर सकती हैं। यह त्वचा को हाइड्रेट करता है और खुजली से राहत देता है।
- एलोवेरा: एलोवेरा जेल त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह त्वचा को ठंडक पहुंचाता है और खुजली को कम करता है।
- संतुलित आहार: अपने आहार में आवश्यक विटामिन और खनिजों का सेवन करें। विशेष रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मछली, अखरोट, और अलसी के बीज त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- डॉक्टर से परामर्श: अगर खुजली अत्यधिक बढ़ जाए या त्वचा पर गंभीर लक्षण जैसे दाने, जलन, या रंग में परिवर्तन दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वे आवश्यक परीक्षण कर सकते हैं और उचित उपचार की सलाह दे सकते हैं।
निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान खुजली एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकती है। यदि खुजली बहुत अधिक बढ़ जाए या इसके साथ अन्य लक्षण दिखाई दें, तो यह लीवर से संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है, जिसके लिए चिकित्सीय देखरेख जरूरी होती है। इस समय विशेष देखभाल और उचित उपचार से त्वचा को आराम मिल सकता है और खुजली कम हो सकती है।